लब्ज़-ए-ग़म,

लब्ज़-ए-ग़म,

हर ख्वाहिश हो मंजूर-ए-खुदा मिले हर कदम पर रज़ा-ए-खुदा फ़ना हो लब्ज़-ए-ग़म यही हैं दुआ बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा
‘’ ईद मुबारक ’’

मुस्कान

मुस्कान

होंठ 👄 तो मेरे है….पर मुस्कान ☺ तुम्हारी क्यों हे,लब्ज़ 💕 तो मेरे हे….फिर उन पर बातें तुम्हारी क्यों हे ?